अफगानिस्तान ने किंग्सटाउन में 25 जून को बांग्लादेश को आठ विकेट से हराकर टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहली बार प्रवेश कर अपने क्रिकेट इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय लिखा है। विषमता और चुनौतियों का सामना करते हुए, अफगानिस्तान की टीम ने डकवर्थ-लुईस प्रणाली के माध्यम से इस महत्वपूर्ण जीत को हासिल किया। इस जीत ने न केवल अफगानिस्तान के क्रिकेट के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, बल्कि उनके जैसे ही नवीनुल हक ने 18वें ओवर की चौथी गेंद पर तस्कीन अहमद का विकेट लिया, स्टेडियम में मौजूद समर्थकों से लेकर उनके साथी खिलाड़ियों की आंखें खुशी से भर आईं। कैरेबियाई सरजमीं से लेकर काबुल तक क्रिकेटप्रेमियों को इस ऐतिहासिक जीत ने भावविभोर कर दिया। यह उपलब्धि इतनी बड़ी थी कि क्रिकेट विशेषज्ञ भी इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सके थे। एक ऐसे देश की टीम ने यह करिश्मा कर दिखाया, जिसने राजनीतिक अस्थिरता और युद्ध की विभीषिका का सामना किया है और जिसके पास अभ्यास के लिए खुद का मैदान तक नहीं है। के इस रोमांचक मुकाबले में मैच का रुख पल-पल बदलता रहा, लेकिन अंततः जीत राशिद खान के रणबांकुरों के नाम रही। इस ऐतिहासिक जीत के साथ अफगानिस्तान ने न केवल बांग्लादेश को हराया बल्कि ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज टीम का भी टूर्नामेंट से बोरिया-बिस्तर बांध दिया। अब सेमीफाइनल में 27 जून को अफगानिस्तान का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा, जबकि भारत की टक्कर इंग्लैंड से होगी। यह मुकाबला अफगानिस्तान के लिए एक और बड़ी चुनौती साबित होगा, लेकिन इस जीत ने उन्हें काफी आत्मविश्वास और हौसला दिया है।
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