दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में दिलचस्प होने वाला है:
1. आम आदमी पार्टी (AAP):
आम आदमी पार्टी ने पिछले दो चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। 2020 में पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इस बदलाव को कैसे देखती है। पार्टी का फोकस फिर से शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं पर रहेगा।
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP):
बीजेपी इस बार सत्ता में आने की पूरी कोशिश कर रही है। 2020 में पार्टी ने 8 सीटें जीती थीं, लेकिन अब उसका लक्ष्य अपने प्रदर्शन में सुधार करना है। पार्टी ने इस बार दिल्ली के मुद्दों को प्राथमिकता दी है, जैसे यमुना की सफाई, अनधिकृत कॉलोनियों का विकास और महिला सुरक्षा।
3. कांग्रेस:
कांग्रेस का लगातार दूसरी बार सफाया होने के बाद, पार्टी के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई जैसा है। पार्टी अपनी पुरानी साख को बहाल करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन उसे बड़ा जनसमर्थन जुटाने के लिए संघर्ष करना होगा।
4. चुनावी मुद्दे:
AAP का प्रदर्शन: शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और परिवहन में किए गए कार्यों को जनता के बीच ले जाने का प्रयास।
BJP की चुनौती: केंद्र सरकार के समर्थन से बेहतर बुनियादी ढांचे और विकास का वादा।
महिला सुरक्षा: यह मुद्दा हर पार्टी के एजेंडे में प्राथमिकता पर होगा।
युवा और रोजगार: बढ़ती बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है।
इस चुनाव में आतिशी मार्लेना का नेतृत्व और अरविंद केजरीवाल की छवि अहम भूमिका निभाएंगे। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह चुनाव दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका है। 8 फरवरी को नतीजे बताएंगे कि दिल्ली की जनता किसे अपना भरोसा सौंपती है।
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