कर्मचारी कल्याण निगम ने अंकुर केम फूड को काली सूची मे नही डाला
अंकुर कम्पनी के पास नही था नमक आयुक्त भारत सरकार जयपुर का प्रमाण पत्र
अंकुर कम्पनी के पास नही था बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स
अंकुर कम्पनी के पास नही था हैवी मेटल की जाचने की मशीन
अंकुर कम्पनी के पास 5 वर्ष की बजाय सिर्फ 4 वर्ष का ही था अनुभव
अंकुर कम्पनी के लिये खाध एंव रसद विभाग तथा कर्मचारी कल्याण निगम के आलाअधिकारियो ने निविदा के नियमो को कर दिया डायलूट
लखनऊ- इस धोटाले की जड मे जाने के बाद यह बात तो स्पष्ट हो गया कि अंकुर कम्पनी के लिये खाध एंव रसद विभाग तथा कर्मचारी कल्याण निगम के आलाअधिकारियो ने टेण्डर कमेटी की मेम्बर सुश्री प्रीती उपाध्याय की बातो को नजर अन्दाज करते हुये निविदा के नियमो को डायलूट किया था।
डबल फोर्टिफाइड साल्ट के लिये निविदा कापी के पेज 4 के क्रम 2 पर यह स्पष्ट उल्लेख था कि निविदादाता को DFS नमक के उत्पाद और कथित उत्पादन क्षमता के लिये नमक आयुक्त भारत सरकार जयपुर या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी से पंजीकृत होना चाहिये,बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स होना चाहिये साथ हैवी मेटल की जाचने की मशीन होनी चाहिये। कम्पनी के पास कम से कम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिये पर अंकुर के लिये नियम कानून को ताक पर रखा गया।
इस निविदा मे बनाये गये नियम कानून की धज्जिया उडाते हुये 21 नवम्बर 2016 को 72 करोड के नमक वितरण का काम अंकुर कम्पनी को सौप दिया गया। नियम के अनुसार दिसम्बर 2016 से नवम्बर 2017 तक प्रत्येक महीने बिना नागा डबल फोर्टिफाइड साल्ट की सप्लाई को करनी थी। मगर अंकुर केम फूड ने दिसम्बर 2016,जनवरी 2017 और फरवरी 2017 मे केवल तीन महीने नमक तक ही इस सप्लाई को किया और कई करोड का भुगतान लेकर सप्लाई बन्द कर दिया।
सप्लाई बन्द करने के बाद अंकुर कम्पनी को डालना चाहिये था काली सूची मे-
टेन्डर के नियम 10:18 के मे यह स्पष्ट वर्णित है कि बिना किसी कारण सप्लाई बाधित करने पर 3 महीने से ज्यादा सप्लाई बन्द करने पर अंकुर कम्पनी के साथ अनुबन्ध रदद,अंकुर कम्पनी का जमा बैक गारन्टी जब्त तथा अंकुर कम्पनी को को काली सूची मे डालना था मगर कर्मचारी कल्याण निगम ने एैसा नही किया। इसके बाद भी शासन स्तर के कई अधिकारियो ने मिली भगत करके अकूर केम फूड को इसी डबल फोर्टिफाइड साल्ट का ठेका एक बार फिर जनवरी 2018 मे दे दिया। इसके लिये कोई टेन्डर नही निकाला गया।
टेन्डर कापी के नियम 10:18-----------------अनुबन्ध के तहत आपूर्ति--------->
ज्ञात हो कि 2016 मे प्रदेश के 10 जनपदो के 47 लाख एनीमिया पीडित लोगो के लिये डबल फोर्टिफाइड नमक के वितरण के लिये खाद्य एवं रसद विभाग के आलाधिकारियो ने सरकार के कहने पर एक पाइलेट प्रोजेक्ट बनाया था। एनीमिया पीडित लोगो के लिये डबल फोर्टिफाइड नमक के वितरण के लिये नवम्बर 2016 मे अंकूर केम फूड को सिद्धार्थनगर सन्तकबीरनगर फैजाबाद मऊ मेरठ फॅरूखाबाद मुरादाबाद हमीपुर इटावा और औरेया का ठेका अवैध तरीके से दिया गया था।
इससे जुड़ी खबरें क्लिक करके पढ़े-
खाध एंव रसद विभाग मे हो गया 100 करोड का नमक धोटाला-पार्ट 1
झांसी में हुआ हादसा खिड़की तोड़कर बाहर निकाले...
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व मंत्री आशुतोष...
वाराणसी में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र...
Lucknow: दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ शहर में...
यूपी में ठंड की आहट…आज भी इन 26 जिलों में बारिश का...
UP में फिर तबादले; योगी सरकार ने 8 जिलों के पुलिस कप्तान...