चीनी के इसी दुष्प्रभाव को देखते हुए लोग इसके उपयोग से बचने की कोशिश करने लगे हैं। लोग चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगे हैं। आर्टिफिशियल स्वीटनर से लोगों को मीठेपन का स्वाद तो मिल जाता है, लेकिन बेहद कम या कैलोरी रहित होने के कारण इसके उपयोग से शरीर का वजन नहीं बढ़ता है।
कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक हो जाने के कारण उन्हें ओलंपिक प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है। इससे पूरे देश में लोगों के बीच निराशा पैदा हो गई है। लेकिन इसी के बीच शरीर के वजन को लेकर भी देश में एक नई बहस शुरू हो गई है। लोगों के बीच शरीर का वजन न बढ़ने देने के लिए 'क्या खाना चाहिए' और 'क्या नहीं खाना चाहिए', इस पर चर्चा हो रही है। इन चर्चाओं में चीनी को वजन बढ़ने के लिए सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है, तो लोगों की आरामदायक जीवन शैली भी इसके लिए बड़ा कारण बताई जा रही है।
दरअसल, आजकल की जिंदगी में लोगों के बीच प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड या कोल्ड ड्रिंक बहुत लोकप्रिय हो गया है। कंपनियां इन वस्तुओं को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के चक्कर में तय मात्रा से अधिक चीनी डालती हैं। आरोप है कि इससे पूरी दुनिया में लोगों का वजन अनियंत्रित गति से बढ़ रहा है और लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। दुनिया के अनेक देशों में इन वस्तुओं में चीनी के उपयोग की मात्रा निर्धारित की गई है, लेकिन इसके बाद भी इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाया है, जिसके कारण लोगों का वजन बढ़ने में अब भी कोई कमी नहीं आ रही है। हालांकि, इसके लिए लोगों की कड़ी मेहनत न करने वाली जीवन शैली को भी जिम्मेदार माना रहा है।
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