ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के आंदोलन के बीच अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए यह कहा कि उनकी सरकार पीड़िता और राज्य के लोगों के लिए न्याय चाहती है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने तीन दिन तक इंतजार किया कि चिकित्सक उनके पास आएं, लेकिन वे नहीं आए।
ममता बनर्जी ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि उन्हें न्याय नहीं, बल्कि कुर्सी चाहिए।" उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि उन्हें लगता है कि आंदोलन का उद्देश्य अब चिकित्सा व्यवस्था में सुधार या महिला सुरक्षा से हटकर राजनीतिकरण की ओर बढ़ रहा है।
इस बयान के जरिए ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता राज्य के लोगों के हित और पीड़िता के लिए न्याय है, न कि किसी पद को बनाए रखना। यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां ममता बनर्जी ने अपने इस्तीफे की पेशकश करके यह संदेश दिया है कि अगर उनके पद छोड़ने से राज्य में स्थिति बेहतर हो सकती है, तो वे इसके लिए भी तैयार हैं।
उनके इस कदम से आंदोलनकारी डॉक्टरों पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि ममता बनर्जी ने जनता के सामने एक स्पष्ट स्थिति रखी है। अब यह देखना होगा कि आंदोलनकारी डॉक्टर इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और इस मामले का समाधान कैसे होता है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर बिटिया से रेप और हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है, जो एक माह से अधिक समय से चल रही है। अपनी मांगों पर अड़े जूनियर डॉक्टर ममता बनर्जी की सरकार से महिला सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस्तीफे की पेशकश ने आंदोलन की दिशा को प्रभावित किया है। ममता बनर्जी के इस दांव से आंदोलनकारी डॉक्टर बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांग ममता बनर्जी के इस्तीफे की नहीं, बल्कि न्याय की है। वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए।
गुरुवार को भी जूनियर डॉक्टरों और बंगाल सरकार के बीच बातचीत नहीं हो पाई। डॉक्टरों ने बैठक का सीधा प्रसारण करने की मांग की थी, जिसे राज्य प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया। इस वजह से बैठक नहीं हो सकी, और गतिरोध जारी रहा।
डॉक्टरों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी मांगें स्पष्ट हैं, और वे मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं कर रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा व्यवस्था में सुधार और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार और डॉक्टरों के बीच इस गतिरोध को सुलझाने के लिए एक सकारात्मक संवाद की आवश्यकता है, ताकि पीड़िता और राज्य के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
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